मुख्य बिंदु
प्रधानमंत्री ने बीते बुधवार को कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्धघाटन किया। यह उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा रनवे वाला एयरपोर्ट है, एयरपोर्ट के रनवे की चौड़ाई 45 मीटर है रनवे के एप्रन पर 4 जहाज खड़े हो सकते हैं। एयरपोर्ट की लंबाई 3.2 किलोमीटर है और एयरपोर्ट पर 8 फ्लाइट की क्षमता प्रतिघंटा है। एयरपोर्ट टर्मिनल के पीक ऑवर की क्षमता 300 यात्री प्रति घंटा है। एयरपोर्ट के निर्माण में करीब 260 करोड़ की लागत आई है और यह 589 एकड़ में फैला हुआ है। एयरपोर्ट के उद्धाटन के 24 घंटे के अंदर ही दिल्ली, मुंबई और कोलकाता के लिए कुशीनगर से उड़ानों का शेड्यूल जारी हो गया है। दिवाली के बाद 26 नवंबर और 10 दिसंबर को पहली उड़ान कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से 3 शहरों के लिए शुरू होंगी।
दिल्ली के लिए 26 नवंबर से फ्लाइट
26 नवंबर से कुशीनगर से दिल्ली के लिए सीधी फ्लाइट शुरू होंगी। यह हफ्ते में 4 दिन यानी सोमवार, बुधवार ,शुक्रवार और शनिवार को उड़ान भरेगी। इसके आलावा 18 दिसंबर को देश को आर्थिक राजधानी मुंबई और कोलकाता के लिए भी नियमित विमान सेवा शुरू हो जाएगी। मुंबई के लिए सप्ताह में 3 दिन मंगलवार गुरुवार और शनिवार और कोलकाता के लिए भी 3 दिन सोमवार ,बुधवार और शुक्रवार को उड़ान भरेगी।
एयरपोर्ट पर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई
एयरपोर्ट अथॉरिटी के डायरेक्टर एके द्विवेदी ने बताया कि विमानन कंपनी स्पाइसजेट की पहली फ्लाइट का 26 नवंबर से उड़ान भरेगी। स्पाइसजेट विमान ने उड़ान का शेड्यूल 26 नवंबर और 10 दिसंबर से जारी कर दिया है। एयरपोर्ट पर सुरक्षा व्यवस्था कस्टम, इमीग्रेशन, चेक इन, इमरजेंसी निकास, आरक्षित लाउंज, ग्रीन चैनल, टिकट काउंटर सबकुछ तैयार है। सभी काउंटरों पर आवश्यक कर्मचारी नियुक्त हो चुके हैं। विमानन कंपनी सेवा शुरू करने से पूर्व यहां अपना स्टाफ नियुक्त करेगी जिससे उड़ान में कोई समस्या नहीं है।
आसान होगी थाईलैंड और खाड़ी देशों की यात्रा
कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट खुल जाने से पूर्वांचल के लोगों की थाईलैंड और खाड़ी देशों की यात्रा आसान होने की राह बन गई है। इन देशों के लिए फ्लाइट यहां से शुरू हुई तो कम से काम 5 घंटे समय की बचत तो होगी ही, 10,000 रुपये तक सफर का खर्चा भी बचेगा। दरअसल, काम के सिलसिले में बड़ी संख्या में गोरखपुर और बस्ती मंडल के लोग खाड़ी देशों और थाईलैंड आते-जाते हैं। अभी सबसे नजदीक की फ्लाइट वाराणसी या लखनऊ से मिलती है। वहां से भी सऊदी की फ्लाइट कम हैं, लोगों को दिल्ली का रुख करना पड़ता है। रोजाना 200 से ज्यादा लोगों का आना जाना गोरखपुर और आसपास के जिलों के 200 से ज्यादा लोग रोजाना सऊदी अरब और भारत में आते जाते हैं।