मुख्य उद्देश्य
राज्य में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए भारतीय उद्योग संघ (Indian Industries Association) ने बुधवार को स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों के लिए एलईडी कार्यशाला का आयोजन किया। इस पहल के तहत, उम्मीदवारों को एलईडी लाइट, लाइट के तार, एलईडी बल्ब और ‘वन डिस्ट्रशीट वन प्रोडक्ट’ कार्यक्रम की वस्तुओं का उत्पादन करने के लिए प्रशिक्षित किया गया था। आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए सभी प्रतिभागियों को ₹6,000 से ₹10,000 के बीच के टूलकिट भी प्रदान किए गए।
दुबई जैसे विदेशी देशों में उभर रही राज्य के उत्पादों के लिए बाजार
‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट‘ योजना का उद्देश्य क्षेत्रीय विशिष्टताओं वाले बाजारों को चलाकर यूपी के शहरों की असली ताकत को पहचानना है। यह बदले में, आर्थिक विकास, ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देगा और रोजगार पैदा करेगा। आईआईए के एक सदस्य, विवेक सिंह के अनुसार, देश में राज्य-निर्मित रोशनी और झूमरों की मांग में वृद्धि देखी गई। इसके साथ ही नाइजीरिया, अफगानिस्तान और दुबई जैसे विदेशों में भी बाजार धीरे-धीरे उभर रहा है।
आईआईए के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने यह भी बताया कि उपयुक्त वातावरण को बढ़ावा देने वाली नीतियों को देखते हुए कई देशों ने राज्य में इकाईयों को लॉन्च करने में अपनी रुचि दिखाई है। उन्होंने आगे कहा कि युगांडा और ताइवान के प्रतिनिधियों ने निवेश, कमोडिटी एक्सचेंज और प्रशिक्षण के लिए विभागीय अधिकारियों से भी संपर्क किया।
एक दिवसीय सेमीनार में स्वयं सहायता समूहों की 30 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया
अशोक ने कहा, “यूपी एक्सपोर्ट में पांचवें स्थान पर है। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं से महिलाओं को सीधे लाभ मिल रहा है। राज्य सरकार विशेष प्रशिक्षण सेशन आयोजित करके और टूलकिट देकर उन्हें आत्मनिर्भर बना रही है।”
भारतीय उद्योग संघ (आईआईए) के परिसर में आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण सेमीनार में स्वयं सहायता समूहों की 30 महिलाओं ने भाग लिया, जिन्हें एलईडी लाइट, स्ट्रिंग लाइट, एलईडी बल्ब और ओडीओपी उत्पादों को इकट्ठा करना सिखाया गया था। अब तक, उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 6000 से अधिक महिलाओं को इस व्यवसाय में आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।