कोरोना के खिलाफ मौजूदा चिकित्सा व्यवस्था को दुरूस्त करते हुए, लखनऊ में महिला अस्पतालों ने भी तीसरी लहर से लड़ने की तैयारी कर ली है। महिलाओं में प्रसव की जटिलताओं जैसी समस्यायों से निपटने के लिए, महिला अस्पतालों में कई नई सुविधाओं की शुरूआत की गई है। संभावित तीसरी लहर के समय प्रसूताओं को समय पर इलाज मिल पाए और उन्हें यहां वहां भागना न पड़े, इसके लिए इन सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है, ऐसे अस्पतालों में क्वीन मैरी, वीरांगना अवंतीबाई महिला चिकित्सालय और झलकारी बाई महिला अस्पताल जैसे मुख्य नॉन कोविड महिला अस्पताल शामिल हैं।
केजीएमयू में पैथोलॉजी यूनिट व ब्लड बैंक इकाई की शुरुआत हुई
केजीएमयू के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग (क्वीन मेरी) में नई सुविधा के तौर पर पैथोलॉजी यूनिट व ब्लड बैंक इकाई की शुरुआत हो चुकी है। रिपोर्ट के अनुसार, यहां हर माह करीब 900 से 1000 प्रसव हो रहे हैं, और ओपीडी में हर महीने करीब दस हजार महिलाओं को इलाज मिल रहा। यहां अधिकतर, महीलाएं गंभीर हालत में भर्ती होती हैं, जिसके कारण उन्हें गहन प्रसूति देखभाल में भर्ती करने की ज़रूरत पड़ती है। हाल ही में शुरू हुई 24 घंटे पैथोलॉजी सेवाओं से प्रसूताओं को राहत मिलेगी, और ब्लड बैंक शुरू होने के ज़रूरत पड़ने पर समय रहते रक्त की व्यवस्था हो पाएगी।
वीरांगना अवंतीबाई महिला चिकित्सालय में हाई डिपेंडेंसी यूनिट से मिलेगी प्रसूताओं को राहत
वीरांगना अवंतीबाई महिला चिकित्सालय (डफरिन) में अभी तक गंभीर मरीजों को भी सामान्य वार्ड में ही रखा जाता था। हालत गंभीर होने पर प्रसूता को केजीएमयू भेज दिया जाता था, लेकिन चिकित्सालय में वार्ड-2 सेंट्रल आक्सीजन युक्त (24 बेड), हाई डिपेंडेंसी यूनिट (आठ बेड), पैथोलॉजी विभाग, स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट में दो सीपैप मशीन, आठ ट्रायज बेड, महिला इमरजेंसी सेंट्रल आक्सीजन जैसी सुविधाओं के साथ प्रसूताओं को राहत मिलेगी।
प्रमुख चिकित्सा अधीक्षिका डा सीमा श्रीवास्तव ने बताया कि 10050 लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाला आक्सीजन प्लांट भी प्रस्तावित है। एचडीयू में हाई रिस्क प्रेगनेंसी के मामलों में प्रसूताओं को इलाज मिलना भी शुरू हो गया है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए हम ट्राएज एरिया (Triage area) में सबसे पहले प्रसूता को उपचार देंगे। उसके बाद होल्डिंग एरिया (holding area) और फिर जरूरत के हिसाब से दूसरे वार्ड में शिफ्ट करेंगे। वहीं, कान्टीन्यूअस पाजीटिव एयर-वे प्रेशर मशीन (सीपैप) के लगाया गया है, इस मशीन से जिन बच्चों में के फेफड़े पूरी तरह से विकसित नहीं होते हैं, उनके इलाज में बहुत सहायता मिलेगी।
झलकारी बाई महिला अस्पताल में भी जल्द शुरू होगी एचडीयू की सुविधा
झलकारी बाई महिला अस्पताल में भी जल्द एचडीयू की सुविधा उपलब्ध होगी। पुराने लेबर रूम के नवीनीकरण का काम हो रहा, इसी में आठ बेड के एचडीयू को संचालित किया जाएगा। मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका डा रंजना खरे ने बताया कि एचडीयू में प्रशिक्षित स्टाफ के साथ ही विशेषज्ञ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ 24 घंटे मौजूद रहेंगे।
इनपुट-दैनिक जागरण