कानपुर में ज़ीका वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए, कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, कंट्रोल रूम को ज़ीका रोगियों की सेहत का फीडबैक लेने की ज़िम्मेदारी दी गई है। इसके साथ मरीज़ों के वाइटल्स (महत्वपूर्ण संकेत) की जांच भी की जा रही है।
रोगियों के घरों के आस-पास ब्रीडिंग स्थल नष्ट किए गए
कंट्रोल रूम से मरीज़ों के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए उन्हें फोन किया जाता है। रैपिड रिस्पॉन्स टीम रोगियों की सेहत की जांच करती है और दवा देती है।
जीका के ज्यादातर रोगी होम आइसोलेशन में हैं, साथ ही यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि रोगियों को मच्छर काट न पाएं जिससे इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके। बाकी लोगों की सुरक्षा के लिए मरीज़ों के घरों के आस-पास ब्रीडिंग स्थल को भी नष्ट कर दिया गया है।
जिलाधिकारी ने जानकारी दी कि कंट्रोल रूम में यह व्यवस्था की गई है कि अगर रोगी को कोई दिक्कत होती है तो संबंधित विशेषज्ञता के डॉक्टर से संपर्क करने की उसे सलाह दी जाएगी। ज़रूरत पड़ी तो रोगी को तुरंत अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। इसके लिए हैलट, उर्सला, डफरिन और कांशीराम अस्पताल में बेड आरक्षित कर दिए गए हैं। उम्मीद की जा रही है कि इन सब प्रयासों के चलते बीमारी को रोकने में मदद मिलेगी।