कोरोनावायरस महामारी की संभावित तीसरी लहर के खतरे के बीच, आईआईटी कानपुर ने ‘संजीवनी’ विकसित किया है, जो एक उन्नत ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर है। इसको विकसित करने का उद्देश्य पर्याप्त ऑक्सीजन सप्लाई को सुनिश्चित करना है जो इस साल सितंबर और अक्टूबर में संक्रमण के संभावित बढ़ोतरी के दौरान संसाधनों की कमी को पूरा करेगा।
संजीवनी: एक उन्नत और फ्लेक्सिबल ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर
‘संजीवनी’ को प्रोफेसर जे रामकुमार की देखरेख में आईआईटी-कानपुर में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग की एक टीम द्वारा विकसित किया गया है। कॉन्सेंट्रेटर 10 लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) की प्रवाह दर पर काम करता है और 92% ±3 की ऑक्सीजन शुद्धता को रिले करता है। इस उपकरण को 1 से 10 एलपीएम के पैमाने से एडजस्ट किया जा सकता है, जिससे यह घरेलू और मेडिकल दोनों क्षेत्रों में उपयोग किया जा सकता है। यह निरंतर और पर्याप्त ऑक्सीजन सप्लाई का वादा करता है।
— Abhay Karandikar (@karandi65) August 17, 2021 “>Also Read:
रिपोर्ट के अनुसार, प्रौद्योगिकी को ट्रांसफर कर दिया गया है और इसके कमर्शियल विका स को बढ़ावा देने के लिए बैंगलोर स्थित अल्बोट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड को इसका लाइसेंस दिया गया है। आईआईटी कानपुर औरAlbot Technologies के बीच मंगलवार को एक वर्चुअल MoU एक्सचेंज समारोह आयोजित किया गया। इसमें आईआईटी के प्रोफेसर करंदीकर और Albot Technologies के सीईओ ने भाग लिया।
लागत प्रभावी चिकित्सा उपकरणों का तेजी से विकास
आईआईटी पिछले एक साल से सक्रिय रूप से महामारी से बचाव के कई प्रयासों में लगा हुआ है। महामारी में भारत की मेडिकल सुविधाओं के विकास में तेजी लाने के लिए आईआईटी कानपुर का इनक्यूबेटर सेल राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सा स्पेक्ट्रम में विभिन्न हितधारकों के साथ काम कर रहा है।
आईआईटी-कानपुर के डायरेक्टर ने भी इस अवसर पर आईआईटी कानपुर में स्कूल ऑफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी की चल रही प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस सुविधा में आईआईटी परिसर में लगभग 400 बिस्तरों वाला अस्पताल होगा। इसके अलावा, इस केंद्र की अनुसंधान एवं विकास गतिविधि नवीन और लागत प्रभावी चिकित्सा उपकरणों के रास्ते तलाशेगी।