शहर के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाते हुए, भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री ने इंदौर के पीथमपुर शहर में एशिया का सबसे लंबा हाई-स्पीड ट्रैक लॉन्च किया। रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल ऑटोमोटिव टेस्ट ट्रैक्स (NATRAX) सुविधा 11.3 किमी लंबी है। यहां पर ऑटोमोटिव वाहनों और उनके पुर्जों की टेस्टिंग की जाएगी। इसके अलावा, इस ट्रैक पर उच्चस्तरीय कारों की अधिकतम गति क्षमता को भी जांचा जा सकता है। ट्रैक पर दोपहिया, तिपहिया, छोटी कारों, लग्जरी कारों, बसों, ट्रकों से लेकर सबसे भारी ट्रैक्टर-ट्रेलरों जैसे व्यापक श्रेणी के वाहनों का परीक्षण भी किया जा सकता है।
आत्मर्निभर भारत की दिशा में एक और कदम
High-Speed Track is the heart of any proving ground for the auto sector. Today, inaugurated the longest high-speed track in Asia at Indore.
A proud moment for India and a key initiative in realising PM Shri @narendramodi ‘s vision of #AatmaNirbharBharat pic.twitter.com/lTnaz0ppQv
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) June 29, 2021
सुविधा का उद्घाटन करते हुए, कैबिनेट मंत्री ने कहा कि यह परियोजना आत्मानिर्भर भारत अभियान का एक हिस्सा है। इस परियोजना से देशी प्रौद्योगिकी के साथ नवाचार को भी बढ़ावा मिलेगा। कथित तौर पर, कुल 512 करोड़ रुपये की लागत के साथ यह NATRAX सुविधा 3,000 एकड़ भूमि पर स्थापित की गई है, जो मध्य प्रदेश की वाणिज्यिक राजधानी इंदौर से 50 किमी की दूरी पर स्थित है। इस नए विकास के साथ, भारत के सबसे स्वच्छ शहर को एशिया की सबसे लंबी और दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी परीक्षण ट्रैक सुविधा प्राप्त हुई है।
आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, फोर-लेन सुविधा का उपयोग कई प्रकार के वाहनों के विकास और होमोलोगेशन परीक्षणों के लिए किया जाएगा। कथित तौर पर, ट्रैक की लंबाई को देखते हुए, यह ब्रेक टेस्ट, निरंतर गति ईंधन खपत परीक्षण (speed fuel consumption tests), स्पीडोमीटर कैलिब्रेशन (speedometer calibration,) शोर और कंपन माप (noise and vibration measurement) जैसे महत्वपूर्ण परीक्षण करने में मदद करेगा।
R&D प्रयोगशालाएं और कार्यशालाएं मुल्यांकन में करेंगी सहायता
जबकि ट्रैक उन्नत संसाधनों से लैस है, आर एंड डी (अनुसंधान एवं विकास) प्रयोगशालाएं और कार्यशालाएं अवलोकनों (observations) के उचित मूल्यांकन में सहायता करेंगी। देश की प्रगति की गति को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि भारत का तकनीकी बुनियादी ढांचा दिन-प्रतिदिन विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है।