इंदौर में संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारियां जारी हैं, जिसके चलते तेज़ी से वैक्सीनेशन किया जा रहा है और ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। शहर में ज़रूरत पड़ने पर ऑक्सीजन की पर्याप्त सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए अगले 15 दिनों में 22 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जाएंगे।
औद्योगिक आक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भी किए जा रहे हैं इंतज़ाम
राज्य आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के सदस्य डॉ. निशांत खरे ने बताया कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर ऑक्सीजन उत्पादन के क्षेत्र में इंदौर जिला आत्मनिर्भर बन रहा है। इंदौर में 48 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं, जिनमें से 26 ऑक्सीजन प्लांट लग चुके हैं और कार्यात्मक हैं। बचे हुए 22 ऑक्सीजन प्लांट्स को अगले 15 दिनों में स्थापित करने की योजना जिसे जल्द ही पूरा किया जाएगा। उक्त 48 ऑक्सीजन प्लांट्स की मदद से इंदौर 100 मैट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन कर सकेगा।
इसके अलावा औद्योगिक आक्सीजन की उपलब्धता भी सुनिश्चित करने के लिए भी जिला प्रशासन द्वारा इंतजाम किए गए हैं। जरुरत पड़ने पर इंदौर के अस्पतालों को जिले में स्थापित किए जा रहे औद्योगिक आक्सीजन प्लांट के माध्यम से 40 से 50 मीट्रिक टन आक्सीजन उपलब्ध कराई जा सकेगी। उन्होंने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान इंदौर में आक्सीजन की उच्च स्तर की मांग 135 मीट्रिक टन पाई गई थी। ऐसे में अब यदि तीसरी लहर आती है तो इंदौर में पर्याप्त आक्सीजन का उत्पादन होगा, इसके अलावा इंदौर से अन्य जिलों को भी आक्सीजन उपलब्ध करवाई जा सकेगी।
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान इंदौर शहर और आस-पास के जिलों में ऑक्सीजन की कमी के कारण कई लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा था। ऑक्सीजन संकट को दूर करने के लिए, इस बार प्रशासन पहले से ही इंतज़ाम कर रहा है। इस पहल से तीसरी लहर की स्थिति में लोगों को सही समय पर ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई जा सकेगी।